Contractual Employees के लिए 99 हजार ग्रेच्युटी भुगतान का आदेश दिया?

WorkerVoice.in
3 min readMar 18, 2023

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Gratuity Payment for Contract Employees: अगर आप किसी सरकारी या गैर-सरकारी कंपनी में Contractual Employees के रूप में काम कर रहे हैं। ऐसे में आप हमेशा से जानना चाहते हैं कि क्या Contractual Employees को ग्रेच्युटी का बेनिफिट्स मिल सकता है? हम आज आपके लिए लाइव प्रूफ के साथ ग्रेच्युटी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आये हैं। जिसके तहत केंद्र सरकार के अंतर्गत काम करने वाले Contractual Employees को 99 हजार + ग्रेच्युटी भुगतान का आदेश दिया गया है। आइये जानते हैं पूरा मामला क्या है?

Gratuity Payment for Contract Employees

आजकल सरकारी विभागों से लेकर प्राइवेट संस्थानों में कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी रखने का चलन जोरों पर है। जिसके बाद उन कर्मचारियों का जम कर शोषण किया जाता है। अगर कहीं शिकायत होती तो मुख्य नियोक्ता ठेकेदार का कर्मचारी कह पल्ला झड़ने की कोशिश करता है। जबकि कॉन्ट्रैक्ट लेबर एक्ट के तहत कॉन्ट्रैक्ट कर्मचकारियों के वेतन आदि सभी सुविधाओं के लिए बराबर के जिम्मेदार होते हैं। जिसकी जानकारी हमने अपने पूर्व के आर्टिकल में भी दी है।

दिल्ली में रहने वाले राजन झा (पेशे से एक पत्रकार) के साथ भी ऐसा ही कुछ शोषण हो रहा था। राजन सूचना प्रसारण मंत्रालय के मीडिया यूनिट इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मॉनिटरिंग सेंटर (EMMC) में ठेकेदार BECIL Company के द्वारा मीडिया मॉनिटर के पद पर कार्यरत थे। राजन बताते हैं कि यूं तो कहने के लिए यह केंद्र सरकार की मीडिया यूनिट है, लेकिन यहां वर्करों की हालत बंधुआ मजदूरों जैसी है।

Contractual Employees की 5 साल तक ना तो सैलरी बढ़ती है ना ही अन्य कोई सुविधा। यही नहीं बल्कि बात-बात पर सैलरी काट ली जाती थी और नौकरी से निकालने की धमकी अलग। आगे बताते हैं कि “मैंने और मेरे कुछ साथियों ने यहां कर्मचारियों के हितों की मांग किया। जिसके बाद हमलोगों को परेशान किया जाने लगा। जिससे परेशान होकर मैंने यहां से मार्च 2019 में इस्तीफा दे दिया। राजन ने उक्त कंपनी में जून 2013 से मार्च 2019 तक काम किया था

BECIL Salary of Contractual Staff

राजन को BECIL Company ठेकेदार के द्वारा 28635 रुपया मासिक दिया जाता था। जिसमें उनके सैलरी से 1800 रूपए पीएफ के रूप में कटता था। जिसके बाद रंजन ने किसी तरह हमसे संपर्क किया। हमने रंजन को बताया कि आपको आपके सैलरी के बेसिक के आधार पर ही पीएफ की कटौती की जाती है। अगर आपका पीएफ 1800 कट रहा तो आपका बेसिक सैलरी तकरीबन 15000 के करीब होगा। अब इससे साबित होता है कि आपकी कंपनी आपको केंद्र सरकार के द्वारा जारी सेन्ट्रल स्फीयर का न्यूनतम वेतन भी नहीं दे रही है। जिसके बाद उन्होंने अपने कंपनी से न्यूनतम वेतन और ग्रेच्युटी की मांग पर सुनवाई नहीं होने पर श्रम कमिश्नर ऑफिस का दरवाजा खटखटाया।

Central Govt Contract Employees latest news

राजन ने अपनी कम्पनी में 5 साल 7 महीना की सेवा दी थी। जिसने लिए उन्होंने ग्रेच्युटी कानून 1972 के अनुसार EMMC (प्रमुख नियोक्ता) और उसके कहने पर ठेकेदार (BECIL) कंपनी से बात की। उनको EMMC (प्राथमिक नियोक्ता) ने कहा कि आप BECIL यानी कॉन्ट्रेक्टर से बात कीजिए। जब उन्होंने BECIL से बात की तो ठेकेदार ने बोला कि ऐसा कोई आदेश नहीं है।

Central Govt Contractual Employees Gratuity 2023

जिसके बाद उन्होंने लेबर कमिश्रर (Central) ऑफिस में शिकायत दर्ज की। दोनों कंपनी बेसिल और ईएमएमसी ने 3 साल से ज्यादा समय मुद्दों को लटकाने, भटकाने और अटकाने में लगाया। आखिरकार 17 फरवरी 2023 को लेबर कमिश्नर (केंद्रीय) ने राजन के हक में फैसला सुनाया। उनको 6 साल के ग्रेच्युटी कुल 99121/ रूपये 10 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान का आदेश दिया जारी किया है। जो कि देश के सभी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर के लिए लाभदायक होगा। हम भी राजन जी को उनके ऐतिहासिक जीत के लिए बधाई देते हैं। उन्होंने यह लड़ाई खुद से (बिना वकील) के लड़ा और जीत हासिल किया है।

Originally published at https://www.workervoice.in on March 18, 2023.

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